
आज आप भारत को देख सकते हैं , ये एक राष्ट्र नहीं बल्कि दो महादीप में बदल रहा है . अगर आप अमीर है माध्यम वर्ग में गिने जाते हैं अंग्रेजी भाषा पर पकड़ रखते हैं , तो कोई शक नहीं की आपका भविष्य उज्जवल है आप उस महाद्वीप का हिस्सा हैं जहाँ अवसर ही अवसर हैं आपके पास रहने को शानदार जगह है , रोजगार की दिक्कत नहीं , बढ़िया शराबखाने , बढ़िया मकान , परिवार के साथ छुट्टी बीतने का भरपूर अवसर आपके पास है , आपको मताधिकार की पूरी आजादी है .. आप एक शानदार लोकतंत्र का हिस्सा है और उस पर गर्व कर सकते है ...
लकिन अगर आप निम्न वर्गीय हैं , पिछड़े , गरीब ,आदिवासी, दलित या मुस्लिम हैं ( एक छोटे भाग को छोड़कर ) तो आप के लिए दूसरा महाद्वीप इन्तजार कर रहा है , जो अंधेरो से भरा हुआ है जहाँ कोई साफ़ भविष्य नहीं है आपसे अवसरों और गरिमामय जीवन जीने की आजादी दूर होती जा रही है ...
हमारे देश में अमीर और गरीब की खाई निरंतर चौड़ी होती जा रही है क्या आपने कभी महसूस किया है ? गरीब और गरीब हो रहा है अमीर और अमीर हो रहा है , लेकिन जो इस बात को महसूस करेगा .. जो भी निम्न वर्गीय, पिछड़े , गरीब ,आदिवासी, दलित और मुस्लिम के हक़ में लिखेगा या बोलेगा ... उसका विरोध करने को तैयार मिलेंगे फासीवादी , साम्प्रदायिक , कट्टरपंथी अपनी अपनी विचारधारा का पताका थामे राजनितिक संगठन और कार्पोरेट जगत के साम्राज्यवादी ....... कारपोरेट जगत हमेशा इनको प्रायोजित करता रहेगा क्योंकि ये बाजारवादी संस्क्रती है जहां मध्यम वर्ग का तुष्टिकरण जरुरी है क्योंकि वो पूंजीवादी संस्क्रती का आधार है वो एक बड़ा बाज़ार हैं
क्या आपने कभी महसूस किया है ?
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