बाबा रामदेव ने काफी समय पहले कहा था की उनसे एक मंत्री ने रिश्वत मांगी है ,, अब बात बीजेपी वालो के गले की हड्डी बन गयी थी ,, उनमे और बाबा जी में क्या सेट्टिंग हुई ये तो वाही जाने ,, क्योंकि इस बीच बाबा पर जमीन हड़पने के केस भी हो चुके थे ,, और संतो में उनके खिलाफ गुस्सा भी था क्योंकि उन्होंने संत दर्शन नामक पुस्तक में हिंदू समाज को काफी नकारात्मक बातें कही थी ...
बाबा की राजनितिक विकल्प की घोषणा से बीजेपी भी परेशान थी क्योंकि बाबा ने बीजेपी के ही वोट काटने थे ,, बाबा की लोकप्रियता से संघ में भी हलचल मची पडी थाई क्योंकि लोगो ने शाखा के बजाय शिवरो में जाना शुरू कर दिया था आखिर बाबा निरोगी ? बना रहे थे .. वो परम योगी थे ? ये अलग बात है की नो दिन के अनशन में उनकी चीखे निकल गयी और गंगा पुत्र परम पूज्य स्वामी निग्मानंद जी ( जिनको फेसबुक पर भुला दिया ) चार माह अनशन के बाद वीरगति को प्राप्त हुए ..
खेर आगे चलते हैं बाबा बेचारे भोले भले मानुष , ठीक रजिया गुंडों में फस गयी जेसे कांग्रेस , बीजेपी और संघ के चक्कर में ऐसे घनचक्कर बने की रामलीला मैदान से अर्धनारीश्वर बनकर निकले .. यहाँ से बाबा को बर्बाद करने का जिम्मा बीजेपी ने उठाया उसने बाबा को हरिदावार्र में अनशन पर बैठा दिया
सोचने वाली बात है की वहाँ बाबा से कांग्रेस को कोई दिक्कत नहीं थी ये कांग्रेस और बीजेपी की चाल थी ताकि बाबा का अनशन ढंग से फ्लॉप हो जाये और बाबा जिंदगी में राजनितिक विकल्प की बात न सोचे
वही हुआ भी .. बाबा तुमको तो अपनों ने मरवा दिया .. ही ही ही ही
""""""""" राजीनीति किसी की नहीं होती बाबा """""""""""""""""""
अब अपना व्यापार भी खो दिया आपने , प्यार भी खो दिया .... अब बताऊँ क्या होगा ,, बहुत पड़ेगी ,,, दोनों मिले हुए हैं कांग्रेस भी बीजेपी भी .... थोडा बहुत संघ को भी तो प्यार है आपसे ,, अब देखो कहाँ कहाँ से कौन कौन सी जांच करवाते हैं ये आपकी !
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