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Sunday, February 26, 2012

सजा किसकी ?

आज दिल्ली की एक खबर आँखों के सामने से गुजरी .... पति को शक था की पत्नी का किसी दुसरे युवक से सम्बन्ध है और इसी शक के चलते घर में अक्सर कलह हुआ करता था ! एक दिन झगडे के बाद पत्नी ने आत्महत्या कर ली ..... पति इस डर से की अब उसे पूरा जीवन जेल में गुजरना पड़ेगा इसलिए उसने भी उसी साडी से लटककर आत्महत्या कर ली !

सोचने की बात तो ये है की अब बच्चो का क्या होगा ?? पत्नी जिस अहम् में थी की वह आत्महत्या के बाद पति को औकात में ला देगी , वह तो हो न सका .... किन्तु बेकसूर बच्चे जिंदगी भर की सज़ा पा गए !

मुझे आज तक समझ नही आया की ज़हर खा कर मर जाउंगी , आग लगा लूंगी ऐसा धौंस देकर क्या दिखाना चाहती है स्त्रिया ? क्या ये ब्लैकमेलिंग है या हताशा या फिर हमारी कमजोरी ??
किन्तु जिस देश में सती हो जाने को , जमीन में समा जाने को , भूख हड़ताल करके ब्लैकमेल करने को महान समझा जाता है , उस देश में ऐसी सोच होना विचित्र भी नही है !!

हम स्त्रिया अभी तक यह क्यों नही समझ पाई की हमारा जीवन अपने आप में बेशकीमती है ..... हमारी भी घर-समाज में उपयोगिता है ! अगर पति के किसी दूसरी स्त्री से सम्बन्ध है , या पति हम पर शक करता है या पति अपने परिवार वालो की सुनता है तो इसमें हमारे मरने की बात क्यों ? समस्या सुलझ नही सकती तो क्यों न अलग रहा जाए .... ?
किन्तु स्त्रिया ऐसा न करके धमकियों के सहारे अपने पति को ही काबू में रखना चाहती है , और यही समस्या की जड़ भी है !

स्त्रियों की इस सोच के पीछे समाज का भी कम योगदान नही ... स्त्री के घर-समाज में उपयोगी होने को समाज स्वीकार करने में हिचकिचाता है ... उसे सिर्फ घर के अन्दर रखकर उसमे हीनभावना भर दी गई ... ऊपर से कानून ने भय निकालकर आत्मविश्वास भरने की बजाय उसे ब्लैकमेल करने का हथियार पकड़ा दिया !
भयावह नतीजे अब सामने है ..... हज़ारो परिवार कलप रहे है .... बुजुर्ग स्त्री -पुरुष सही/गलत मुकदमो में जेल के अन्दर सड़ रहे है !

किरण Copyright ©... २१ :४६ ...२६-२-२०१२

10 comments:

  1. MUJHE LAGTA HAI KI LOGO KO KISI BHI PROBLEM KO PROPER ANALYSE KARNE KA TIME NAHI HAI ..PROPER ANALYSIS KE BINA JUDGEMENTAL HONA, JALDI DECISION LENE KI AADAT BAHUT DANGEROUS HAI INDIVIDUAL/SAMAJ KE LIYE...LADIES SOCHTI HAI KI SUICIDE HI SAARE PROBLEM KA SIGLE FORMULA HAI...MALE YE SOCHTE HAI KI BREAK UP/DOMESTIC VIOLENCE SINGLE SOLUTION HAI...NA JAANE HAMARA SAMAJ KAHA JAYEGA AISI SOCH SE ?? IF THERE IS ANY PROBLEM IN RELATIONSHIP, THERE IS NO ONE TO GUIDE THE INDIVIDUAL..EVERYONE MAKE A JOKE/LAUGH AT U..OR MISGUIDE U INSPITE OF A PROPER GUIDENCE..GOD SAVE THOSE PEOPLE U ARE SUFFERING FROM THESE PROBLEMS ...I THINK HE CAN ONLY SAVE U NO ONE ON THE EARTH CAN GUIDE U ....
    ....
    gkumar2006@gmail.com(Girish Kumar)

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  2. इस विषय पर यह विचार रखना आग को छूने के समान है पर सच यही है। और पति पत्नी कोई भी हो शक ही उसका सर्वनाश कर रही है। प्रेम में मुक्त करनाा कोई चाहता ही नहीं..

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  3. aaj ki internet se tej zindagi m ye sab hona hi hai... extramarital affair bahut teji se badh rhe hai... hame jrurat hai situation ko samajhdari se deal krne ki. physiacal needs ko nakara nhi ja skta pr kis keemat par?????

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  4. Rightly said...there's no problem without a solution...but we keep on brooding over the causes instead of analyzing patiently and working for its solution.

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  5. बहुत वैचारिक .. और सत्य बात जीवन से ज्यादा मूल्य किसी चीज का नहीं..इसे इस तरह व्यर्थ क्यों गंवाया जाए ... अलग रहा जा सकता है.. बिलकुल सही

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  6. Husband & Wife main understanding hona must hai.Yeh dono gadi k pahiye hain.kisi ki baton main nahi aana chaiye.

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  7. Husband & Wife main understanding hona must hai.Yeh dono gadi k pahiye hain.kisi ki baton main nahi aana chaiye.

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